ऑपरेशन सिन्दूर | आतंकवादी अड्डों पर भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बाद क्या पाकिस्तान करेगा न्यू क्लियर वार?
लेखक: आशा राणा, सह संस्थापक वीराइट पाथ
पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिन्दूर
1971 युद्ध के बाद पहली बार — थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और समन्वित हमले किए।
भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमापार 9 चिन्हित आतंकवादी अड्डों को एक साथ निशाना बनाया। ये कार्रवाई दो सप्ताह पहले हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे। खास कर हिंदुओं को पूछ- पूछ कर मारा गया, पुरुषों को मार कर महिलाओं का सिंदूर उजाड़ दिया गया।
पाकिस्तान ने इस पर ‘युद्ध की कार्यवाही’ कहकर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है — लेकिन भारत चुप नहीं रहेगा . भारत का संदेश स्पष्ट है: आतंकवाद का जवाब अब सख्ती और निर्णायकता से मिलेगा।
2025 में सावधानी आवश्यक, युद्ध, आगजनी, भूकंप, उग्र घटनाओं और आतंकी साया
वर्तमान में भारत मंगल की नीच स्थिति (कर्क में 7 जून तक) और शनि राहु की मीन राशि में युति (20 मई तक) के कारण सावधानी बरतने की आवश्यकता है। विशेष रूप से 8 मई की रात से लेकर 13 मई 2025 तक भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है। 9 मई, 11 मई, और वे तिथियाँ जिनका अंक जोड़ 4, 8, 13, 17, 22 या 26 होता है — इनके प्रति विशेष सतर्कता ज़रूरी है, क्योंकि अतीत में भी ऐसे दिनों में भारत ने आतंकवादी हमलों या प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है।
पहले ही हमारे पिछले ब्लॉग जनवरी 2025 में चेतावनी दी गई थी कि 2025 अंक 9 (मंगल) का वर्ष है, जो युद्ध, आगजनी, भूकंप और उग्र घटनाओं का संकेत देता है। शेयर बाजार की दृष्टि से भी वर्ष 2025 में भारी उतार-चढ़ाव की संभावना है। निवेशक और ट्रेडर सावधानी बरतें। 2021 Prediction
सरकार और हमारी सेनाओं ने अपना कर्तव्य निभा दिया है — साहस, संयम और सटीकता के साथ। अब सभ की बारी है कि हम राष्ट्र के साथ खड़े होने का संकल्प दिखाएं।
दोनों देशों की जन्म कुंडलियों के माध्यम से इन प्रश्नों का उत्तर
इस हमले
के बाद भारत
द्वारा किया गया
लक्षित जवाब जहां
राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती को
दर्शाता है, वहीं यह
प्रश्न भी खड़ा
करता है कि
आखिर पाकिस्तान जैसे
राष्ट्र की मानसिकता इतनी
कट्टर और हिंसक
क्यों बनी रहती
है। क्या इसका
उत्तर ग्रह-नक्षत्रों की
चाल में छिपा
है?
पाकिस्तान की कुंडली (14 अगस्त 1947, रात 12:00 बजे, कराची)
- राशि लग्न: मिथुन
- मंगल और चंद्रमा लग्न में: यह स्थिति पाकिस्तान
को आक्रामक, अस्थिर मानसिकता वाला और उग्र निर्णय लेने वाला राष्ट्र बनाती है। सेना और हिंसक संगठनों की भूमिका इसके राष्ट्रीय चरित्र में प्रमुख बनी रहती है।
- सूर्य, शनि, शुक्र, बुध कर्क राशि में (द्वितीय भाव): द्वितीय भाव वाणी और राष्ट्रीय
मूल्य का कारक होता है। यहां शनि जैसे कठोर ग्रह की उपस्थिति पाकिस्तान को वैचारिक रूप से संकीर्ण और धार्मिक रूप से कट्टर बनाती है। बुध और शुक्र भी शनि के प्रभाव में हैं, जिससे संवाद और सोच में लचीलापन नहीं रह जाता।
- गुरु तुला राशि (5वें भाव): यह शिक्षा, न्याय और समझदारी का कारक हो सकता था, लेकिन ऊपर बताए गए ग्रहों की स्थिति के कारण यह प्रभाव दब जाता है।
- राहु वृषभ (12वें भाव), केतु वृश्चिक (6ठा भाव): गुप्त शत्रु, षड्यंत्र,
आतंकवाद और अति-आध्यात्मिकता की अतिवादी प्रवृत्तियाँ इस स्थिति से जुड़ी हैं।
कट्टरता और सेना का वर्चस्व क्यों?
मंगल-चंद्र का युति
(अग्नि-चंद्र योग)
राष्ट्र को भावनात्मक रूप
से अस्थिर और
हिंसक बनाता है।
चंद्रमा (मनोवृत्ति) पर मंगल का
प्रभाव पाकिस्तान की
नीतियों में आक्रोश, हिंसा
और युद्ध की
प्रवृत्ति दर्शाता है। यह सेना
और आतंकवादी संगठनों के
वर्चस्व की ज्योतिषीय व्याख्या है।
शनि
का कर्क राशि
में होना – यानी
भावनात्मक डर, असुरक्षा और
पारंपरिक सोच। यह डर
उन्हें धार्मिक कठोरता
और शरिया कानून
में आश्रय लेने
पर मजबूर करता
है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की चेतावनी
डॉ.
अंबेडकर ने अपने लेखन
में स्पष्ट किया
था कि "मुसलमान भारत
को कभी भी
अपना देश नहीं
मानेंगे जब तक यहाँ
शरिया कानून न
हो। वे केवल
कुरान और शरीयत
को मानते हैं।"
यह चेतावनी पाकिस्तान की
कुंडली में पूर्ण
रूप से परिलक्षित होती
है — भावनात्मक असुरक्षा और
सैन्य प्रभाव के
कारण यह राष्ट्र हमेशा
अपने पड़ोसी भारत
के विरुद्ध षड्यंत्र करता
रहा है।
वर्तमान दशा: शुक्र महादशा, बुध अंतर्दशा, राहु प्रत्यंतर
- शुक्र
combust और नवांश में नीचस्थ – भौतिक लालच, भ्रमित कूटनीति, आतंरिक संघर्ष
- बुध – वाणी का ग्रह, लेकिन शनि और सूर्य से पीड़ित – संवाद में छल, कठोर विचारधारा
- राहु प्रत्यंतर
– गुप्त साजिशें, चीन जैसे राष्ट्रों से गुप्त समर्थन, आतंक के नए रूप
मंगल
वर्तमान में कर्क में
नीचस्थ – द्वितीय भाव
में – आर्थिक कमजोरी,
आतंरिक असंतोष (बलूचिस्तान, सिंध,
खैबर पख्तूनख्वा) और
राष्ट्रीय एकता पर संकट।
भारत की कुंडली (15 अगस्त 1947, रात 12:00 बजे, दिल्ली)
- लग्न: कर्क राशि
- सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, शनि – सभी लग्न में: पंचग्रही
योग – राष्ट्र को आध्यात्मिक, सहनशील, भावनात्मक रूप से मजबूत और नैतिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनाता है।
- गुरु तुला (4था भाव): शांति, शिक्षा और न्यायप्रिय
राष्ट्र
- मंगल मिथुन (12वें भाव): शत्रु भाव (6ठे) पर दृष्टि – छुपी शक्ति, रणनीतिक जवाब
- राहु वृषभ (11वां भाव): विदेशी सहयोग, आर्थिक लाभ
- केतु वृश्चिक (5वां भाव): गूढ़ आध्यात्मिकता,
शोध और नेतृत्व क्षमता
वर्तमान गोचर और दशाएं भारत के पक्ष में
- मंगल कर्क में नीचस्थ (लग्न में): सीमित गुस्सा, लेकिन नियंत्रित
शक्ति
- सूर्य व बुध मेष राशि (10वां भाव): सरकार की निर्णायक शक्ति, वैश्विक समर्थन – अमेरिका, रूस, फ्रांस जैसे देशों का समर्थन खुलकर
- गुरु मिथुन (12वां भाव): उच्च आध्यात्मिक
सोच
- शनि, राहु, शुक्र मीन (9वां भाव): भाग्य का साथ, धर्म और विश्वसनीयता
में वृद्धि
भारत का वेदों से प्रेरित राष्ट्र-स्वरूप
भारत
एक ऐसा राष्ट्र है
जो सभी प्राणियों, प्रकृति और
मानवता के लिए
करुणा रखता है।
भारत का मूल
मंत्र है:
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥
यजुर्वेद का
शांति मंत्र जो
भारत की आत्मा
को दर्शाता है:
ॐ द्यौः शान्तिः अन्तरिक्षं शान्तिः
पृथिवी शान्तिः आपः शान्तिः
ओषधयः शान्तिः वनस्पतयः शान्तिः
विश्वे देवाः शान्तिः ब्रह्म शान्तिः
सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः
सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अंत में यही कहना चाहूंगी। जहां पाकिस्तान अपने
ही बनाए हुए
कट्टरवाद और आतंकवाद के
जाल में फँसता
जा रहा है,
वहीं भारत अपने
धर्म, संयम और
शक्ति के साथ
आगे बढ़ रहा
है। भारत की
कुंडली भविष्य की
ओर संकेत देती
है – एक ऐसे
युग की ओर
जहाँ भारत विश्वगुरु बनकर
वैश्विक शांति और संतुलन
का मार्गदर्शक बनेगा।
“भारत विश्वगुरु बनेगा।
यह
केवल संकल्प नहीं
— यह ज्योतिषीय भविष्यवाणी है।”
जय हिंद। धन्यवाद।
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