कोरोना वायरस, हिंसा के पीछे RK47, बिगड़ सकते है हालात 

इस वर्ष 2020 में  कोरोना वायरस ने चीन को बड़ी मुसीवत में दाल दिया है.  आज से 18 साल पहले  2002-03 में भी चीन और एशिया में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) का प्रकोप भी रहा था.

इस बार इस अज्ञात घातक वायरस की उत्पत्ति दिसंबर 2019 के मध्य में धनु राशि में सूर्य के ट्रांजिट  के बाद हुई और 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण  के तुरंत बाद 31 दिसंबर को पहला मामला सामने आया. भारतीय शास्त्रों के अनुसार सूर्य जो कि राहु का शत्रु है,( राहु वर्तमान में अपने  जहरीले नक्षत्र अरदा, मिथुन राशि में गोचर कर रहा है, व् केतु अपने मूल  नक्षत्र  धनु राशि में गुरु के साथ है )सूर्य ग्रहण में अदृश्य हो जाता है, जिससे सूर्य प्रकाश और ब्रह्मांडीय ऊर्जा अवरुद्ध हो जाती है,जो पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है. भारतीय ज्योतिष  में सूर्य बुरी तरह से पीड़ित माना  जाता है और इस वजह से गंभीर  संक्रमण होने की बड़ी आसंका होती है.

इसके अलावा मंगल  के 8 फरवरी के  धनु राशि में गोचर के बाद पूर्ण काल सर्प योग का निर्माण होने से शुभ ग्रहो का प्रभाव भी कम हो गया है जिससे राहु केतू से प्रभावित यह  बीमारी २००२ के सारस सिंडोरम से  भी घातक सिद्ध हो रही है

और बिगड़ सकते है हालात 

इस आधार पर मेरा मानना है कि यही कारण है कि कोरोना वायरस जो  चीन से पनपा और बहुत सारे देशों में फैल गया है और स्थिति आगे बहुत ही गंभीर और चुनौतीपूर्ण हो सकती है

इससे निजात पाना काफी मुश्किल होगा लेकिन मेरा अनुमान है के जब भगवान सूर्य जुलाई 2020 के मध्य में राहु-केतु काल सर्प दोष केबाहर  चले जाएंगे तब  यह घातक बीमारी अगले 5-7 महीनों में गायब हो सकती है. इससे पहले अगर सब ठीक रहा तो जब  सूर्य (15 मार्च, व् 15  अप्रैल, 15 जुलाई, अगस्त  ) , मंगल (24 मार्च ) गुरु (29 मार्च)  शुक्र (28   मार्च ) राशि परिवर्तन करेंगे व् इनके बलवान होने से करोना वायरस से थोड़ा -बहुत राहत मिल सकती है. हालाँकि काल सर्प दोष ग्रह स्थिति, शनि -गुरु वक्री चाल सितम्बर 2020 तक भारत सहित  कुछ और देशों या स्थानों में कोरोना फैलने की ओर संकेत दे रहे है  और तदनन्तर यह कम हो सकती है. लेकिन काल सर्प दोष की स्थिति सितम्प्बर 2023 तक रहने के कारण बीमारी और आर्थिक समस्याओ के कारण कलह कलेश और भय का माहौल बना रह सकता है। 

देश में हिंसा से रहना होगा सावधान 

सूर्य अभी 16 फेब से कुम्भ में राहु से दृष्ट है जिसकी वजह से दिल्ली में CAA विरोध हिंसा में बदल गया है और  इस वर्ष सितम्बर माह से राहु भारत की कुंडली के लग्न भाव में अप्रेल 2022 तक गोचर करेंगे जो  देश को आंतरिक हिंसा, राजनैतिक उथल-पुथल या पडोसी देशों से उलझाव की स्थिति से गुजरने के संकेत दे रहा है. अधिक सतर्कता  और सामाजिक सदभाव  वरतने की जरुरत होगी.

भारत की कुंडली में अनंत काल सर्प दोष

भारत की 15 अगस्त 1947 के लग्न  से जो कुंडली बनी उसमे अनंत काल सर्प दोष है जो ज्योतिष के अनुसार  देश के बटवारे और हिंसा के लिए जिम्बेदार है. और जब हर 9 और १८ वर्ष में यह अशुभ योग देश की कुंडली बनता है देश में उग्र प्रदर्शन और हिंसा होती है

इसके निदान हेतु शुभ लग्न मुहूर्त में विशेष यज्ञ सहित देश का पुनः नामकरण करने से देश को लाभ हो सकता है।  यह विशेष शुभ समय बुधवार  21 अप्रैल 2027 को 11. 45 बजे है जिसमे गुरु , मंगल, चंद्र , सूर्य , राहु केंद्र में होंगे, सूर्य, गुरु , शुक्र उच्च होने से देश को और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेंगे।

ज्योतिष को हिंदू धर्म में वेद की आंख माना जाता है। हालांकि, आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा में उन्नति के साथ हाल के दिनों में, ज्योतिष को तेजी से नजर अंदाज किया जा रहा है। एस्ट्रो-अंकशास्त्रीय सहसंबंधों और समानताओं में होने वाली विभिन्न घटनाओं पर किए गए मेरे व्यापक शोध और अध्ययन को देखते हुए, मैं इस अद्भुत मनोगत विज्ञान का भविष्य में लाभ लेने के लिए जिम्मेदार पदों पर आसीन लोगों से दृढ़ता से निवेदन कर सलाह देता हूं की इसका उपयोग अवश्य करे.

दिल्ली हिंसा के पीछे RK47


 मैंने अपने १ अगस्त 2019 के ब्लॉग पोस्ट में अंको व् ग्रह गोचर गड़ना के आधार पर 2020 में बड़ी हिंसा होने की आशंका जाहिर की थी. अगर आप अतीत और एस्ट्रो-न्यूमेरोलॉजिकल समानताओं में होने वाली विभिन्न घटनाओं पर मेरे व्यापक शोध और अध्ययन पर विचार करेंगे तो आपको विश्वास हो जायेगा कि देश में विरोध, षड्यंत्र, दंगों व् बाहरी आक्रमणों के पीछे "RK47 क्रोनिक वायरस" (जो चुपचाप और अदृश्य रूप से) कैसे देश के लोगो  की बुद्धि  को  भ्रमित व् बिपरीत  करने का काम करता रहा है और सम्भतः जिसकी छुपी हुई वजह से अगस्त 1947 मे  भारत की आजादी  के दिन से लेकर  पिछले 71 सालो में अनेको बार किस प्रकार हिंसा और नरसंहार की घटनायें धटित हुई है और आगे भी रिपीट हो सकती है. 

डिकोडिंग RK 47 कॉस्मिक वायरस
भारत ने  1947 में  15 अगस्त की आधी रात को स्वतंत्रता प्राप्त की। उस समय ज्योतिषीय ग्रहों की स्थितियों में वृषभ (लग्न) राशी पूर्व में उदित थी। राहु जो सबसे अशुभ, खूंखार , विश्वासघाती और भ्रामक ग्रह माना जाता है इस राशि में गोचर कर रहा था और जिसके अशुभ योग  से एक खतरनाक "काल सर्प दोष" का निर्माण भारत की कुंडली में बन गया.  राहु एक सर्प ग्रह है जिसका सिर राहु और पूंछ केतु है। जब हमारे सभी सात जीवंत ग्रह, (जिनके नाम पे सप्ताह के सात  दिनों के नाम पड़े है)  राहु-केतु के बीच में आते हैं, तो इसे जन्म कुंडली में अशुभ काल सर्प दोष कहा जाता है।  यह दोष देश को बाटने का काम करता और सामाजिक व् आपसी भाईचारे को पनपने नहीं देता। 

राहु -केतु अदृश्य  (छाया) ग्रह  हैं  और हमेशा विपरीत दिशा में चलते हैं। वे 18 महीने के लिए एक राशि में गोचर करते हैं और 18 साल में सूर्य या कॉस्मिक चार्ट के चारों ओर घूमते हुए एक चक्कर पूरा करते हैं। पिछले 71  वर्षों में वे भारत के  कॉस्मिक   1 और -7 वें घर की धुरी में चार बार गोचर कर चुके हैं, जिसके दौरान हम एक बहुत ही परेशान समय के चरण से गुजरे। अंक ज्योतिष में राहु अंक 4 और केतु 7 का प्रतिनिधित्व करता है। राजनेताओ व् अपराधियों की कुंडली में भी राहु का प्रवल योग पाया जाता है।  इसलिए, मैंने इसे "RK47 क्रॉनिक (ब्रह्मांडीय) वायरस" के रूप में इसको नाम दिया है. यह राहु के अंक 4 का  1947 से आधुनिक भारत के जन्म से राहु-केतु का  गोचर , दशा  व् अशुभ धटनाचक्रो की  पुनर्रावृति (क्रोनिक सिंड्रॉम) पर आधारित है 

मैंने 2010 में अंक 4 का एनालिसिस किया था , लिंक पढ़े 
https://goovind.blogspot.com/2010/12/expect-major-changes-in-2011-including.html

RK47 वायरस: स्वतंत्रता से पूर्व का इतिहास
1912 (1 + 3) टाइटैनिक त्रासदी, 1921 (1 + 3) प्रिंस ऑफ वेल्स और किंग एडवर्ड VIII भारत यात्रा के खिलाफ -बॉम्बे, गैर-सहकारिता आंदोलन और खिलाफत आंदोलन, 1930 (1 + 3) सविनय अवज्ञा आंदोलन, साल्ट मार्च , ग्लोबल इकोनॉमिक डिप्रेशन, 1939 (2 + 2) द्वितीय विश्व युद्ध शुरूवात।

RK47
वायरस: स्वतंत्रता के बाद का अशुभ इतिहास
Ø  1947-48  -राहु-केतु  भारत की कुंडली में 1 और -7 वें भाव की धुरी में गोचरभारत-पाकिस्तान विभाजन,दस लाख से अधिक लोगों की हिंसा में मौतप्रथम भारत-पाक युद्ध और 1948 (2 + 2) में महात्मा गांधी की हत्या 

Ø  1956-57 - राहु का गोचर वृश्चिक राशि (7 वें भाव ) में और केतु वृष राशि (प्रथम भाव) में था - राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम के बाद बड़े पैमाने पर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हुए, 1957 (२+2) कम्युनिस्ट केरल में पहलीबार चुनाव जीते, महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों में हार साथ कांग्रेस के लिए बड़ा सेटबैक। 
Ø  1965-66- राहु-केतु 18 शाल के बाद भारत के चार्ट के प्रथम भाव में लौटे। भारत ने पाकिस्तान के खिलाप द्वितीय युद्ध लड़ा। और इस सिलसले के समझोते के दौरान तत्कालीन प्रधान मंत्री  लाल बहादुर शास्त्री जी की 1966 (2 + 2) में रहस्यमयी तरीके से ताशकंद, रूस में मृत्यु हो गई. 
Ø  1975 -77: राहु की अंतर्दशा के दौरान भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उनके खिलाफ अलाहबाद  उच्चअदालत के फैसले के बाद 1975 (2 + 2) आपातकाल लागू किया 
Ø  1984 (2+2)  में राहु-केतु भारत के लग्न में दूसरीबार वापस  आये  जिसके दौरान  ऑपरेशन ब्लू स्टारप्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या (3+1 अक्टूबर), दंगो में  हजारो सिखों का नरसंहार और भोपाल गैस त्रासदी जैसी बड़ी दुखद धटना भी हुई 


Ø  1993 (2+2): बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुंबई में विस्फोट और दंगे।जिसमे भी भारी जान मॉल का नुकसान हुआ 



2002 (2 + 2) :
गोधरा ट्रेन जला कर लोगो की हत्या के बाद गुजरात  में हिन्दू मुस्लिम दंगो में हज़ारो लोगो के नरसंहार जैसी घटना हुई 2002-03 में चीन और एशिया में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) का प्रकोप भी रहा )


Ø  2011 (2 + 11):  ऐतिहासिक अन्ना जन आंदोलन जो कांग्रेस के डाउनफॉल और आम आदमी पार्टी के उदय का कारण बना 
Ø  2020 (2 +2):  सीएए के विरोध प्रदर्शनों के कारण संघर्ष, दंगे और हिंसा हो रही हैं।  कोरोना वायरस  से चीन में  हजारों लोगों की मौत और   कई हज़ार बुरी तरह प्रभावित है।
राहु स्पिटेम्बेर 2020 में पांचवीं बार वृषभ राशि में भारत की कुंडली के  पहले भाव  में वापस आएगा और जैसा हमने  चार बार अनुभव किया है यह बहुत अशुभ है और  हमें बहुत ज्यादा सावधानी वरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।
RK47 वायरस के प्रभाव को समझना  बहुत ही सरल हैं - यदि आप ज्योतिष के नजरिए से भारत के पिछले अनुभवों को देखें; आपको पिछले सात दशकों की अवधि के बाद इसी ज्योतिषीय पैटर्न और परेशान करने वाली घटनाओं के बीच एक बहुत करीबी संबंध मिलेगा। इसलिए, मेरा मानना है कि हमारी नींव  ही बहुत ख़राब है जिसमे खून और नरसंहार का बहुत कुछ  लेना-देना और गहरा सम्भन्ध है, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान के साथ हमारा हितों का टकराव कभी खत्म नहीं हुआ। सबसे अधिक हिंसक संघर्ष राहु व् सूर्य अन्तर्दशा  में 1947-48, 1965, 1971 और 1999 में हुए।
Ø  राहु की अशुभ  अंतर दशा अप्रैल 1960-63 के दौरान महराष्ट्र और गुजरात अलग हो गए और चीन ने पंचशील समझौते के बाबजूद भारत  पर  आक्रमण कर विश्वासघात किया 
My prediction of  number  4 in 2011
Ø  कृपया ध्यान दें -1971 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध स्वय शुरू किया गया था, यहां कोई राहु-केतु शामिल नहीं थे।
Ø  राहु की एक और अशुभ   अंतर दशा जो 1996-99 के दौरान, कोयम्बटूर बम विस्फोट (14 फरवरी, 1998) 11 स्थानों पर 13 बम हमलों के परिणामस्वरूप 46 लोग मारे गए, 200 घायल हुए। पाकिस्तान का भारत पर 1999 तीसरा आक्रमण के बाद कारगिल युद्ध 
Ø  भारत 2008-09 के दौरान केतु अशुभ  अंतर दशा से गुजर रहा था जब पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित मुंबई आतंकवादी हमले को आतंकवादियों ने अंजाम दिया और  जिसमें कई सैंकड़ों निर्दोष लोग मारे गए थे।
Ø  इसके अलावा 2016-18 में भी राहु की अन्तर्दशा चली जिस दौरान भारत ने अपनी (500-1000 रुपये की नोट) मुद्रा पर प्रतिबंध लगा दिया और जीएसटी को लागू किया, जिससे अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर भारी बदलाव हुए। 

11 दिसम्बर 2019 से चल रही चंद्र -शनि दशा भी 11 जुलाई 2021 तक देश के लिए शुभ नहीं है इसमें देश को बड़ी हानि होने के संकेत है. 

Ø  2026-27 में भी मंगल-राहु अन्तर्दशा रहेगी, मंगल ग्रह युद्ध का ग्रह है और राहु षड्यंत्र और हिंसा का प्रतिनिधित्व करता है, भारत को इस दौरान किसी भी बाहरी या आंतरिक आक्रमण या प्राकृतिक आपदा आदि से बेहद सावधान रहना होगा। 
  




Comments

Popular posts from this blog

क्या सिर्फ लकी नंबर ही काफी हैं? अहमदाबाद विमान हादसे में छिपे ज्योतिषीय और कर्म संकेत

Planetary transits & Out -Look -November-2008

Love Love Love Hua-Venus exalted, time to be in Love!

Lord Sun Moves to Makar- Time for "Tamaso Ma Jyotir Gamaya'- may you go higher & higher!

ऑपरेशन सिन्दूर | आतंकवादी अड्डों पर भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बाद क्या पाकिस्तान करेगा न्यू क्लियर वार?

PM- in -waiting will have to Count on the Luck Factor!

Mars Moves to Libra- Time for Revolutionary Changes

December 13- New Moon caught up between frying pan and fire

Market.. Assets 'and' Bankruptcy concept

No 7 plays crucial role in making Arvind Kejriwal 7th CM of Delhi