सत-मंगल के कारण हुए सिया -राम अलग, आज भी होते है देवभूमि  में अवतरित रघुनाथ


हिन्दू सनातन धर्म  में ज्ञान का जो  कोश   है, वह कहीं  और नहीं है.  जिसमे ४ वेद६ उपबेद१०८ उपनिषद६ वेद गंगा१८ पुराण१८ उप पुराण८ धर्म शात्र६ दर्शन शास्त्र,  १०० पंचरात्र अगमा  और दो इतिहास  "रामायण” और “महाभारत " शामिल हैं.

मांगलिक दोष होता है  गृहस्थ सुख में कमी का कारण 
कोरोना  महामारी  लॉकडाउन के बीच डीडी नेशनल पर दोबारा प्रसारित  ‘रामायण’ में इस समय एक बहुत ही भावुक  एपिसोड चल रहा है, जिसमे कौशल देश के राजा भगवान श्रीराम  अपनी धर्मपत्नी  जगतमाता सीता  का रावण  द्वारा हरण एवं  10 महीने तक  बंधक  बनाए जाने के विषय में अपनी  ही प्राणप्रिय  राजधानी अयोध्या  की प्रजा  के  मन में उनके सतीत्व को लेकर हुई शंका-कुशंका  का घटनाक्रम दिखाया जा रहा है. हमारे समाज की प्रजाजनों की ऐसी संकुचित सोच श्रीराम के मन को गहरी  ठेस पहुँचाती  है, जिसकी वजह से वे  सीता माता सहित सबको बहुत परेशान दिखाई देते है.  सीता माता  अपनी  दासी से  श्रीराम के  दुःख का कारण  जान लेती है.  इस समस्या निवारण हेतु वे  फिर वन में  जाने का निर्णय लेती है और श्रीराम गृहस्थ  (पत्नी ) सुख  से बंचित हो जाते है. इस विषय को ज्योतिषशास्त्र के माध्यम  से  देखे तो  श्रीराम  की  कुंडली में  भी मांगलिक दोष  था, जिसकी वजह से  उन्हें  राजसी ऐश्वर्यो  के बाबजूद  गृहस्थ  सुख में  बहुत बड़ी उलटफेर झेलनी पड़ी थी.    

केंद्र में 4 उच्च के ग्रह, परंतु पत्नी स्थान में दोष
त्रेतायुग में जन्में  भगवान श्रीराम की जन्मकुंडली में  चारों  केंद्र स्थानों में  उच्च के ग्रह  थे.  श्रीराम की कर्क लग्न की कुंडली है. लग्न का स्वामी चंद्रमा अपने ही घर में बैठा हुआ हैये स्थिति व्यक्ति को न्यायप्रिय और क्षमाशील बनाती है. 

लग्न में चंद्रमा के साथ बृहस्पति यानि गुरु भी बैठे हुए हैं. कर्क में बृहस्पति को उच्च का माना जाता है. उच्च का गुरु व्यक्ति को भावुक और विद्वान और साधु स्वभाव प्रदान करता है. ऐसे लोग मर्यादित जीवन जीना पसंद करते हैं. भगवान राम में ऐसे ही गुण थे, जो उन्हें विशेष बनाते थे. श्रीराम की कुंडली में सातवें घर में मंगल उच्च का है. सातवें घर का संबंध जीवनसाथी यानि पत्नी से होता है. सातवें स्थान में मंगल जैसे क्रूर ग्रह की मौजूदगी भी पत्नी सुख में कमी लाती है. ज्योतिष में सातवें घर का कारक शुक्र को माना जाता है. श्रीराम  की कुंडली में सातवें घर के कारक शुक्र पर राहु की दृष्टि है और शुक्र के साथ केतु बैठा हुआ है. और सातवें घर में मंगल है. इन दोनों के प्रभाव की वजह से माता सीता से श्रीराम को अलग होना पड़ा और वियोग भरा जीवन जीना पड़ा.

आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि हमे हमारे कर्मों का फल हमें यहीं मिलता है. इस घटनाचक्र  से ये बात सिद्ध भी हो जाती है कि  कर्म के फल से कोई भी नहीं बच सकता फिर चाहे  वो भगवान ही क्यों न हो.  सभी को अपने कर्मों को फल भोगना पड़ता है. भगवान विष्णु को भृगु ऋषि ने श्राप दिया था और सीता माता को एक तोते के जोड़े ने, जो बाद में धोबी के रूप में जन्मे थे

देवभूमि  में आज  भी अवतरित होते है श्री राम 

मर्यादा पुर्षोत्तम भगवान श्री राम आज भी देवभूमि उत्तराखंड में सीता माता , लक्ष्मण व् हनुमान के साथ घर -घर में रघुनाथ, गढ़ देवी , मासू व् मागल्या देवता के रूप में पूजे जाते है और समय -समय पर (अपने पशुवा) भक्त के शरीर में प्रवेश कर प्रकट भी  होते है. कई गाँवो में "मंडाण" नामक आयोजन में यह अलौकिक दिव्य देव नागराजा , नर्सिंग , भैरव , देवी, काली, गोरील आदि उत्तराखण्ड के अनेक प्रमुख देवताओ  के संग खूब नृत्य  भी  करते है और भक्तो को याधी  -व्याधि , निसाचर , जलचर -थलचर, भुत , प्रेत , दानव  आदि अनेको  अदृश्य व नकारात्मक महा शक्तियों से रक्षा करते है. 

मांगलिक में होती है नेतृत्व क्षमता
वर्तमान में भी मंगलदोष प्राचीन समय की तरह ही प्रभावी रहता है. ज्योतिष के अनुसार जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 9, 12वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है.

मांगलिक होने का एक विशेष गुण यह भी होता है कि मांगलिक कुंडली वाले व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को पूर्णनिष्ठा से निभाते हैं. कठिन से कठिन कार्य वह समय से पूर्व ही कर लेते हैंनेतृत्व की क्षमताउनमें जन्मजात होती हैये लोग जल्दी किसी से घुलते-मिलते नहीं परन्तु जब मिलते हैं तो पूर्णतः संबंध को निभाते हैंमंगल के प्रभाव से अति महत्वकांक्षी होते है और  इनके स्वभाव में क्रोध पाया जाता है, परन्तु यह बहुत दयालुक्षमा करने वाले तथा मानवतावादी होते हैं. गलत बात के आगे झुकना इनको पसंद नहीं होता और खुद भी गलती नहीं करते.

वर्तमान में भी मांगलिक व्यक्ति हो रहे हैं सफल
मांगलिक व्यक्ति सेना, पुलिस,  चिकित्साइंजीनियरिंग आदि  क्षेत्रों में विशेष योग्यता के साथ उच्च पदों पर पहुंच कर सफलता प्राप्त करते हैं. वर्तमान में मंगल अपनी उच्च राशि मकर में २१ मार्च २०२० से गोचर कर रहे है.  चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डॉक्टर  और सुरक्षा से जुड़े पुलिस कर्मी दुनिया भर में लोगो को कोरोना महामारी से लड़ने में मदद कर पुण्य एवं नाम कमा रहे है. 

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में मंगल सबसे प्रभावी ग्रह है, जो उन्हें भी कोरोना महामारी को रोकने के लिए उठाये गए कड़े कदमों और अन्य देशो को दी गयी मदद के लिए विश्व में सम्मान प्राप्त करवा रहा है. 


श्री राम भक्ति से हो सकता है करोना का इलाज 
जैसा की कई प्रमुख अनुसंधानों से पता चला है कि  यह  कोरोना  महामारी चमगादडो से मनुष्यों  में फैली है| गोस्वामी तुलसीदास जी इस महामारी के मूल स्रोत चमगादड के विषय में उत्तरकाण्ड दोहा १२०-२१  में वर्षो पहले इसका जिक्र किया था  जिससे सभी लोग आज पीड़ित है। उन्होंने लिखा है कि राम कृपा से असाध्य रोग से भी मुक्ति मिल सकती है। 


"राम कृपाँ नासहिं सब रोगा। जौं एहि भाँति बनै संजोगा॥
सदगुर बैद बचन बिस्वासा। संजम यह न बिषय कै आसा॥

हम सबको अहंकार त्यागकर  एक दिन सामूहिक रूप से राम नाम का जप और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए .अनगिनत पापों को जन्म देने वाला अहंकार भगवत कृपा में सबसे बड़ा बाधक है। किसी भी मनुष्य को स्वयं को श्रेष्ठ व् दुसरो को तुच्छ समझना सोभा नहीं देता क्योंकि अहंकार के पेड़ पर सिर्फ विनाश के फल ही उगते है। 

रघुपति भगति सजीवन मूरी। अनूपान श्रद्धा मति पूरी॥
एहि बिधि भलेहिं सो रोग नसाहीं। नाहिं त जतन कोटि नहिं जाहीं॥

हिन्दू सनातन धर्म में है ज्ञान का कोश
हिन्दू सनातन धर्म  में ज्ञान का जो  कोश   है, वह कहीं  और नहीं है.  जिसमे ४ वेद६ उपबेद१०८ उपनिषद६ वेद गंगा१८ पुराण१८ उप पुराण८ धर्म शात्र६ दर्शन शास्त्र,  १०० पंचरात्र अगमा  और दो इतिहास  "रामायण” और “महाभारत " शामिल हैं

इन्हे पढ़ने एवं जानने से मनुष्य जन्म सफल हो जाता है और आत्मा मृत्यु लोक के भवसागर से दोष मुक्त हो कर परलोक की अधिकारी हो जाती है. 

जय श्री राम 

Comments

Popular posts from this blog

क्या सिर्फ लकी नंबर ही काफी हैं? अहमदाबाद विमान हादसे में छिपे ज्योतिषीय और कर्म संकेत

Thinking Beyond Corona!

शनि हुआ मार्गी, शेयर मार्केट में जबरदस्त 2000 अंको की उछाल , निवेशकों की २ लाख करोड़ की कमाई 

Saturn goes retrograde-१४२ दिन शनि है वक्री, बढ़ सकती है इन लोगो की परेशानिया

WeaveS Collection to Facilitate Good-Night Sleep

Planetary transits & Out -Look -November-2008

Jupiter Retrograde: Corona may be over in 122 days

Mars Conjunct Rahu in Scorpio, Venus in Leo-Action Packed Month